शनिवार, 13 अप्रैल 2019

कुटकुट और पाप्पा

पाप्पा बोले कुटकुट से
"बेटू ! इधर आओ !"
कुटकुट बोली पाप्पा से
"अम नई आते जाओ !"
पाप्पा बोले कुटकुट से
"बेटू ! पढ़ने बैठो।"
कुटकुट बोली पाप्पा से
"पैले तौफ़ी लाओ।"
पाप्पा बोले कुटकुट से
"फिर शुरू शैतानी ?"
कुटकुट बोली पाप्पा से
"मुजको तौफ़ी खानी।"
आख़िर हार के पाप्पा जी ने
कुटकुट को दी टॉफ़ी
तब जाकर कुटकुट जी ने
खोली अपनी कॉपी।
[ कुटकुट ]
-बाबुषा 

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