शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

नानी गयी लन्दन (बालगीत)

(बच्चो, आज प्रस्तुत है ये बालगीत. इसे मैंने पृथ्वी परिहार जी के फेसबुक स्टेटस से उठाया है. उनके अनुसार इसके गीतकार अज्ञात हैं. लेकिन पृथ्वी जी का आभार कि उन्होंने इस गीत को हमसे साझा किया)

दस पत्ते तोड़े
एक पत्ता कच्चा
हिरण का बच्चा
हिरण गया पानी में
पकड़ा उसको नानी ने

नानी गई लंदन
लंदन से लाई कंगन
कंगन गया टूट
नानी गई रूठ
नानी को मनाएंगे
रसमलाई खाएंगे
रसमलाई अच्छी
हमने खाई मच्छी
मच्छी में कांटा
तेरे मारा चांटा
चांटा लगा जोर से
हमने खाए समोसे
समोसे बड़े अच्छे
मामा जी नमस्ते!

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