सोमवार, 13 अप्रैल 2015

सतरंगी पैराशूट की कहानी

बच्चों, 2011 में एक फिल्म आयी थी "सतरंगी पैराशूट." इसे विनीत खेत्रपाल जी ने बनाया था। ये कुछ ऐसे बच्चों की कहानी है, जो एक पैराशूट से उड़ने के सपने लिए अपने गाँव से दिल्ली पहुँच जाते हैं। ये फिल्म बच्चों के साथ बड़ों को भी खूब पसंद आयी थी।

फिल्म की कहानी इस प्रकार है- नैनीताल से दूर एक छोटे से गांव में पप्पू और उसके चार हमउम्र दोस्तों की अपनी दुनिया है। पप्पू के पिता गांव में बर्फ के गोले बेचकर अपने परिवार को पाल रहे हैं। पप्पू के दोस्तों में गांव के थानेदार सूबेदार सिंह का बेटा भी शामिल है। इन पांचों की हर दिन गांव के पास कहीं न कहीं मुलाकातें होती हैं और सभी अपने उन अधूरे सपनों के बारे में बातें करते , जो पूरे नहीं हो रहे।

ऐसे में एक दिन जब इन सभी ने टीवी पर सतरंगी पैराशूट को हवा में उड़ते देखा तो इन सभी ने ठान ली कि एक दिन ऐसे पैराशूट में हवा में उड़ना है। अपने इस सपने को साकार करने के लिए सभी गांव से भागकर जब मुंबई में इसी तरह का पैराशूट खरीदने पहुंचे तो उन्हें एक ऐसी साजिश का पता चलता है , जो 26/11 की तर्ज पर एक खतरनाक आतंकवादी संगठन द्वारा रची जा रही है। इस साजिश का पता लगने के बाद पांचों दोस्त खुद को पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर के सामने पाते हैं।

फिर वे बच्चे खुद कैसे बचते हैं और कैसे उस साजिश के बारे में पुलिस को बता पाते हैं, ये तो फिल्म देखकर ही पता चलेगा। तो आपलोग ये फिल्म ज़रूर देखिये। ये आपके मम्मी-पापा को भी अच्छी लगेगी। फिल्म यू ट्यूब पर तो नहीं है। उस पर सिर्फ एक ट्रेलर है। आप इसकी सी.डी. या डीवीडी खरीद सकते हैं।


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